ट्रस्टचे पदाधिकारी कडून dr आचार्य मुक्ती सागर सुरीजी यांना अन्याय कारक वागणूक

चेन्नई भवन में चल रही घमासान
पालीताणा के चेन्नई यात्रिक भवन में मालव मार्तण्ड डॉ. आचार्य मुक्तिसागरसूरीजी महाराज का चातुर्मास चल रहा है और सुना कि चेन्नई भवन के ट्रस्टियों द्वारा आचार्य महाराज को बहुत ज्यादा परेशान किया जा रहा है! उन्होंने वहां के सचिव सुरेश भाई काग्रेचा से बात कर चेन्नई भवन बुक करवाई थी, प्रयुषण तक पूरा पैसा जमा करवा देने की बात हुई थी चढ़ावा भी सभी आप ले जाना हमे नहीं चाहिए ऐसा बोलकर भवन दिया था लेकिन अब हालात बहुत अलग हो चुके है! कोई सोहनराज और खीमराज नाम के ट्रस्टी म. सा. और चातुर्मास कमिटी वाले को बहुत परेशान कर रहे है! प्रयुषण पूर्व तक पैसा पूरा करने की बात होने के बावजूद भी चातुर्मास प्रवेश से पूर्व ही पूरा पैसा ले लिया, वार्निंग दे दी कि पूरा पैसा जमा नहीं करोगे तो हम रूम नहीं खोलेंगे, कमिटी मेंबर सकते में आ गए जैसे तैसे पैसा पूरा भरवाया और चातुर्मास प्रवेश किया! मंदिर बहुत ही छोटा होने से आराधकों को परेशानी हो रही थी इनसे पूछकर अस्थाई मंदिर बनवाया तो अब सोहनराजजी मंदिर हटाने की जिद कर रहे है! किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं देते हुए बस बार बार टॉर्चर किया जा रहा है! हमारे समाज के ये ट्रस्टी क्या मालिक बन बैठे है? भगवान के अस्थाई मंदिर से जहां सभी आराधक और चेन्नई भवन का सारा स्टॉफ खुश है, वहां चेन्नई में बैठे सोहनराज के पेट में दुख रहा है, उन्हें तकलीफ हो रही है वे मंदिर हटाओ की बाते कर रहे है, जो बड़ी शर्म की बात है! म.सा. की बात कोई सुनने को तैयार नहीं! आखिर म. सा. को ये कहना पड़ा कि ठीक है मंदिर हटाना ही है, तो हम भी चले जाते है सारा पैसा वापस दे दो हम सभी आराधकों को लेकर अन्य धर्मशाला में चले जाएंगे! ये पैसा उनको दे देंगे और शांति से हमारी आराधना करेंगे!
कुछ समझ नहीं आता ऐसे लोगों को किसने ट्रस्टी बना दिया जो हमारे धर्म के साथ ही खिलवाड़ कर रहे है!
चेन्नई का समग्र जैन समाज जागे सभी आचार्य भगवंत भी चेन्नई भवन से दूरी बना ले तभी ऐसे घमंडी और भ्रष्ट ट्रस्टी को नसीहत मिलेगी!

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