पिंपळगांव बसवंत, १ अगस्त —
जैन धर्म में तप और संयम की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कु. राशि नरेंद्रजी पारख ने १५ उपवास की कठिन तपस्या पूर्ण की। उनकी इस तपश्चर्या की पचकवणी (तपस्या पूर्ण करने की विधि) आज पिंपळगांव बसवंत स्थित जैन स्थानक में अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुई।
इस पावन अवसर पर प. पू. गुरुदेव उपप्रवर्तक प्रकाश मुनिजी म. सा. तथा निंर्भयजी की दिव्य प्रेरणा और आशीर्वाद प्राप्त हुआ। समाजजन, परिवारजनों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति में धार्मिक वातावरण अत्यंत भावविभोर कर देने वाला रहा।
गुरुदेव ने अपने प्रवचन में तपस्या की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि—
“तप आत्मा की शक्ति को जाग्रत करता है। ऐसे संयममय जीवन के उदाहरण समाज को दिशा देते हैं।”
कु. राशि ने अपनी उम्र में ही इतनी कठोर तपस्या कर समाज को प्रेरणा दी है। उनके इस त्यागमय संकल्प की समाजभर में सराहना हो रही है।
समारोह में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे। स्थानक में संगीतमय स्वाध्याय, नवकारसी, सामूहिक जयजयकार और आशीर्वचन के साथ आयोजन का समापन हुआ।
समाज की ओर से राशि जी का बहुमान कर उन्हें तपश्चर्या हेतु बधाइयाँ व शुभाशीर्वाद प्रदान किए गए।






















